सैर कर दुनिया की गाफिल, जिंदगानी फिर कहा… इन पंक्तियों से यूं तो कई लोग घुमक्कड़ी की प्रेरणा हासिल करते हैं, लेकिन कुछ बिरले ही हैं जो वाकई दुनिया की सैर करने की हिम्मत जुटा पाते हैं। अब जनाब दुनिया की सैर करना इतना आसान भी तो नहीं। अराउंड द वर्ल्ड इन एट डॉलर्स, देखने में भले ही कितनी रोमांचक क्यों न लगे, वैसा हकीकत में कम ही हो पाता है।
तुषार अग्रवाल और संजय मदान नाम के दो रोमांचप्रेमी युवाओं ने सड़क और समुद्र के रास्ते दुनिया की सैर करने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए वे छह महाद्वीपों में स्थित पचास देशों से गुजरेंगे और कुल सत्तर हजार किलोमीटर का सफर तय करेंगे। उन्होंने इसे ग्रेट इंडियन वल्र्ड ट्रिप नाम दिया है। तुषार व संजय के नाम पहले ही लिम्का बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉड्र्स में सात रिकॉर्ड दर्ज हैं। ये सातों रिकॉर्ड सड़कों पर अलग-अलग सफर के नाम हैं। इस वल्र्ड ट्रिप का मकसद भारत को उन देशों तक ले जाना, वहां प्रवासी भारतीयों व आम लोगों से मिलना है। इस सफर को बाकायदा एक डॉक्यूमेंट्री के रूप में रिकॉर्ड भी किया जाएगा।

इस ट्रिप का रास्ता बड़ी सोच-समझकर उन देशों से होते हुए तैयार किया गया है जहां भारतीयों की आबादी अच्छी संख्या में है और जहां से बड़ी तादाद में सैलानी भी भारत आते हैं। तुषार व संजय का यह सफर पूर्व की ओर से शुरू होगा। म्यांमार, थाईलैंड व मलेशिया होते हुए वे सिंगापुर पहुंचेंगे। वहां से वे आस्ट्रेलिया जाएंगे। पूरे आस्ट्रेलिया का भ्रमण करने के बाद वे पश्चिम की ओर मुड़ेंगे और समुद्र के रास्ते अफ्रीका पहुंचेंगे। केन्या से शुरू करके वे नीचे दक्षिण में तंजानिया, नामीबिया, बोत्सवाना, विक्टोरिया फॉल्स होते हुए दक्षिण अफ्रीका में केप टाउन पहुंचेंगे। उसके बाद फिर से समुद्र के रास्ते दक्षिण अमेरिका पहुंचेंगे जहां दुनिया के सबसे दक्षिणवर्ती शहर अर्जेंटीना के उशुआइआ से ऊपर चढ़ना शुरू करेंगे।
उसके बाद वे ऊपर की ओर पैन अमेरिकन हाइवे पर चलेंगे, जिसे दुनिया का सबसे लंबा हाइवे कहा जाता है। यह हाइवे उन्हें चिली, पेरू, इक्वाडोर व कोलंबिया होते हुए मध्य अमेरिकी देशों- पनामा, ग्वाटेमाला, होंडुरास व मैक्सिको ले जाएगा। उसके बाद वे अमेरिकी महाद्वीप के सबसे उत्तरी छोर डेडहोर्स तक जाएंगे। अलास्का के उसे हिस्से का रोमांच लेने के बाद वे कनाडा पार करके न्यूयार्क आएंगे और यहां से फिर समुद्र पार करके पूर्व में लंदन पहुंचेंगे। इसके बाद शायद उनकी ट्रिप का सबसे सुहाना व आसान सफर शुरू होगा। पश्चिमी यूरोप, पूर्वी यूरोप नापकर व एशिया में ईरान पहुंचेंगे और अंतत: फिर से मुंबई।
तुषार व संजय पहले भी 51 दिन में 15 देशों को पार करते हुए लंदन से दिल्ली आने का रिकॉर्ड बना चुके हैं। पिछले साल उन्होंने नौ देशों की आसियान कार रैली में भी हिस्सा लिया था।