कश्मीर में श्रीनगर, गुलमर्ग, सोनमर्ग व पहलगाम से आगे भी बहुत कुछ है। दरअसल कश्मीर में आप जिस ओर निकल जाएं, खूबसूरत वादियां पसरी पड़ी हैं, सब एक से बढ़कर एक। इनमें से बहुत कम से ही हम वाकिफ हैं। इस बार कश्मीर जाएं तो ऐसी ही किसी नई वादी में जाएं, जो अब तक देखी न हो। इन्हीं में से एक यूसमर्ग की सैर…
कश्मीर के लोग एक बड़ी मजेदार बात कहते हैं। कहने को श्रीनगर पहाड़ है और जम्मू मैदान, लेकिन जम्मू शहर पहाड़ी पर बसा है और जम्मू से सड़क के रास्ते श्रीनगर आएं तो पूरा रास्ता पहाड़ी है। जैसे ही काजीगुंड के बाद श्रीनगर की ओर बढ़ते हैं तो सत्तर किलोमीटर का आगे का पूरा रास्ता सपाट है, मानो आप मैदान में सरपट रेस लगा रहे हों। यही हाल श्रीनगर से आप कहीं भी जाएं तो मिलेगा। श्रीनगर से पहलगाम तक मैदान ही मैदान है। गुलमर्ग के रास्ते में तनमर्ग तक सपाट मैदान है।
कश्मीर की खूबसूरती ही इतनी ऊंचाई पर फैली इतनी शानदार सपाट घाटी से है। उसके बाद इस घाटी में जहां-जहां नदियों के साथ-साथ रास्ते पहाड़ से मिलते हैं, वहां का नजारा बदल जाता है। इसके अलावा पहाडि़यों की ऊंचाइयां नापने के बाद फिर वैसी ही लंबी दूर तक फैली घाटियां और मैदान देखना, बेहद सुखद है। गुलमर्ग व सोनमर्ग का नजारा कुछ ऐसा ही है- इतनी ऊंचाई पर देवदार की घनी कतारों के बीच खुला मैदान, हमारे उत्तराखंड के बुग्यालों से कई गुना बड़े। लेकिन कश्मीर में यह खूबसूरती केवल गुलमर्ग व सोनमर्ग तक ही नहीं सिमटी है। वहां लोग ज्यादा गए, इसलिए उन्हें शोहरत ज्यादा मिल गई। लेकिन जगहें और भी हैं।
यूसमर्ग ऐसी ही एक बेइंतहा खूबसूरत जगह है। गुलमर्ग की बाईं तरफ की पहाडि़यों में बडगाम जिले में स्थित यूसमर्ग श्रीनगर से 47 किलोमीटर दूर है। श्रीनगर से इसका रास्ता बडगाम व चरारे शरीफ होकर जाता है। चरारे शरीफ दरगाह में कश्मीर के सूफी संत हजरत शेख नूर-उद-दीन नूरानी की मजार है। यहां से यूसमर्ग महज 13 किलोमीटर दूर है। श्रीनगर से इस सफर में दो घंटे का वक्त लगता है। यह रास्ता भी कम खूबसूरत नहीं। यूसमर्ग में दूर तक फैला हरा मैदान है। उसके पीछे चीड़ के घने जंगल और उनके पीछे से झांकती बर्फ से लदी चोटियां। यहां का नजारा मंत्रमुग्ध कर देने वाला है।
कश्मीर की बाकी जगहों की ही तरह यहां की भी यही खासियत है कि आप चाहें तो यहां कई दिन केवल सुकून में बिता सकते हैं और चाहें तो करने को इतना कुछ है कि कई दिन की जरूरत पड़े। यूसमर्ग के आसपास कई जगहें देखी जा सकती हैं। वहां ट्रैक करके भी जाया जा सकता है और खच्चर पर सवारी करके भी। यूसमर्ग से सबसे निकट दूधगंगा है। लगभग दो किलोमीटर की यह दूरी आसानी से ट्रैक करके पूरी की जा सकती है। जगह का नाम दूधगंगा पहाड़ से आती नदी में चट्टानों से टकराने के बाद दूध सरीखे झाग बनने की वजह से पड़ा। नदी का यह किनारा बहुत खूबसूरत है। नदी की धार के साथ आगे चले जाएं तो नीचे नदी नीलनाग नामक झील में पहुंचती है। यह झील पहाड़ी की गोद में है और अपने नीले साफ पानी की वजह से नीलनाग कहलाई जाती है। हालांकि यहां खच्चर से जाने का रास्ता और सड़क से जाने का रास्ता अलग है। दूधगंगा में पानी संग सफेद नामक चोटी से आ रहा है। पास ही में टट्टा कुट्टी नामक एक और चोटी भी है। यूसमर्ग से संग सफेद के लिए दो दिन का ट्रैक भी किया जा सकता है। इसके अलावा यूसमर्ग से फ्रेसनाग, हालीजान, बरगाह, लिद्दर मड व त्रिसूर भी जाया जा सकता है। यूसमर्ग से ठीक पहले पहाडि़यों से आने वाला पानी रोककर एक बंध बना दिया गया है जिससे वहां एक खूबसूरत जलाशय बन गया है।
चूंकि यूसमर्ग श्रीनगर से महज दो ही घंटे के रास्ते पर है, इसलिए सैलानी श्रीनगर से यहां सवेरे आकर शाम को लौट भी सकते हैं और चाहें तो यहीं रुक भी सकते हैं। यकीनन, अगर आसपास की जगहें देखनी हों तो यहां रुकना ही सही होगा। और यह जगह है भी ऐसी कि यहां आकर लौटने का मन जल्द करेगा नहीं। हालांकि यूसमर्ग में अभी सोनमर्ग व गुलमर्ग जैसी होटलों और रिजॉर्ट की भरमार नहीं है लेकिन वहां रुकने की सुविधाएं हैं। जम्मू-कश्मीर टूरिज्म और जेकेडीटीसी के भी रेस्ट हाउस हैं। वह दिन दूर नहीं जब यहां भी सैलानी उमड़ने लगेंगे।