मध्य प्रदेश में कान्हा टाइगर रिजर्व को कई मायने में बांधवगढ़ का जुड़वां भी कहा जाता है। साल व बांस के जंगल, घास के मैदान, जलधाराएं, ये सब घोड़े की नाल की शक्ल वाली घाटी में फैले 940 वर्ग किलोमीटर के इस पार्क को शक्ल देती हैं। इसे 1974 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत गठित किया गया था। मांडला व बालाघाट जिलों की मैकाल रेंज में स्थित यह पार्क सूखी जमीन पर रहने वाले दुर्लभ बारहसिंघा की गिनी-चुनी जगहों में से एक माना जाता है। यहां की खूबसूरती, व्यवस्था और वन्य जीवों के संरक्षण की बदौलत इसे एशिया क सबसे बेहतरीन नेशनल पार्को में से एक माना जाता है। वन्यप्रेमियों के लिए यह बड़ा आकर्षण है। 1930 के दशक तक कान्हा दो अभयारण्यों में बंटा था और ये दोनों इस इलाके की दो प्रमुख नदियों हेलोन व बंजार के नाम पर थे। यहां के इलाके में पठारों के अलावा समतल तले वाली घाटियां भी हैं। पानी से उनकी मिट्टी चिकनी हो जाती...
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पेंच टागर रिजर्व में इंदिरा प्रियदर्शिनी पेंच नेशनल पार्क व मोगली पेंच सेंक्चुअरी, दोनों शामिल हैं। यहां बाघ देखने के लिए सबसे शानदार व आकर्षक माहौल है। कहा जाता है कि यहां शाकाहारी जानवरों का सबसे ज्यादा घनत्व है। पार्क मध्य भारत में सतपुड़ा पहाड़ियों के दक्षिणी ढलानों में स्थित है और यह छिंदवाड़ा व स्योनी जिलों के अलावा महाराष्ट्र में नागपुर जिले की सीमाओं को भी छूता है। पेंच नदी इस पार्क को दो हिस्सों में बांटती है और यही इस पार्क की जीवनरेखा भी है। इस समय जहां टाइगर रिजर्व है, उसका इतिहास बड़ा शानदार रहा है। उसकी प्राकृतिक संपदा का जिक्र आइने-अकबरी तक में मिलता है। प्राकृतिक इतिहास की अन्य कई किताबों में भी इसका बखूबी जिक्र है। आर.ए. स्ट्रैंडेल की आत्मकथात्मक किताब ‘स्योनी’ ही दरअसल रुडयार्ड किपलिंग की जंगल बुक की प्रेरणा थी। मोगली की याद है न! और बघेरा व शेर खान! किपलिंग को अपन...
Read Moreछोटा लेकिन बेहद रोमांचक। बांधवगढ़ में बाघों का अनुपात भारत में किसी भी और टाइगर रिजर्व की तुलना में सबसे ज्यादा है। जाहिर है, इसलिए यहां बाघ को देखने की संभावना भी लगभग तय रहती है। रणथंबौर की ही तरह बांधवगढ़ ने भी बाघप्रेमियों को कई शानदार बाघों का तोहफा दिया है, जैसे कि चार्जर, सीता व बी-2 जिन्होंने अपनी शख्सियत के चलते लोगों के दिलों पर राज किया। बांधवगढ़ को श्वेत बाघों का देश भी कहा जाता है। सालों तक रीवा रियासत के पुराने इलाकों में सफेद बाघ मिलते रहे। नेशनल पार्क बनाए जाने से पहले बांधवगढ़ के आसपास के जंगल रीवा के महाराजाओं के लिए शिकारगाह के तौर पर रखे जाते थे। भारत में बाघ देखने के लिए सबसे लोकप्रिय टाइगर रिजर्वों में से एक बांधवगढ़ है। शहडोल जिले में विंध्य पहाड़ियों के एक किनारे पर स्थिति बांधवगढ़ 448 किलोमीटर इलाके में फैला है। इन पहाड़ियों में सबसे शानदार बांधवगढ़ ही है जो सम...
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