हवा में ठंडक कम हुई है। लेकिन सर्दी अभी गई नहीं है। हजारों किलोमीटर दूर सुदूर उत्तर के यहां से भी ज्यादा ठंडे इलाकों से प्रवासी पक्षी भारत में कई जगहों पर अभी बसेरा बनाए हैं। ऐसा वे हर साल करते हैं। बड़ी लंबी व दुष्कर उड़ान के बाद उनका अपने तय ठिकानों पर हर साल आना, वाकई कुदरत का बड़ा हैरतअंगेज करिश्मा है। अब जरा कल्पना कीजिए कि साइबेरिया (रूस, चीन व उत्तर कोरियाई इलाकों) के अमूर फॉल्कन हर साल 22 हजार किलोमीटर दूर अफ्रीका में प्रवास के लिए जाते हैं और इस दौरान वे बीच में भारत के उत्तर-पूर्व में नगालैंड में थोड़ा आराम करते हैं। यहां से अफ्रीका जाने के लिए यह पक्षी समुद्र के ऊपर चार हजार किलोमीटर की उड़ान बिना रुके भरता है। ऐसे ही कई पक्षी भारत में प्रवास के लिए आते हैं। दुनियाभर के पक्षी प्रेमी इस मौसम में भारत आते हैं, परिंदों की इस खूबसूरत दुनिया का नजारा लेने के लिए। बर्ड वाचिंग के श...
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